क्या केरल का नाम बदलकर केरलम किया जा सकता है ? अभी तक किन राज्यों का नाम परिवर्तन किया गया है ? जानिए पूरी प्रक्रिया ?
प्रस्ताव का पारित होना –
हाल ही में केरल विधानसभा ने सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया जिसमें केंद्र सरकार से राज्य का नाम बदलकर ‘केरलम’ करने का आग्रह किया गया। इस प्रस्ताव के तहत संविधान की पहली अनुसूची में केरल का आधिकारिक नाम बदलकर केरलम करने की मांग की गई है। प्रस्ताव का मुख्य उद्देश्य राज्य के आधिकारिक नाम को मलयालम उच्चारण के अनुरूप करना है, जिससे राज्य की सांस्कृतिक और भाषाई पहचान को और मजबूत किया जा सके।
राज्य का नाम बदलने की प्रक्रिया –
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 3 और अनुच्छेद 4 के तहत किसी राज्य का नाम बदलने का प्रावधान किया गया है। राज्य के नाम परिवर्तन की प्रक्रिया निम्नलिखित चरणों में पूरी होती है:
1. विधानसभा में प्रस्ताव पारित : राज्य की विधानसभा में बहुमत से नाम परिवर्तन का प्रस्ताव पारित होना चाहिए। केरल विधानसभा ने सर्वसम्मति से यह प्रस्ताव पारित कर पहला चरण पूरा किया है।
2. विधेयक का राष्ट्रपति की सिफारिश पर संसद में पेश होना : विधानसभा में प्रस्ताव पारित होने के बाद, विधेयक राष्ट्रपति की सिफारिश पर संसद में पेश किया जा सकता है।
3.संसद से पारित होना : विधेयक को कानून का रूप देने के लिए संसद से साधारण बहुमत से पारित होना आवश्यक है।
4. राष्ट्रपति के हस्ताक्षर : जब विधेयक संसद में पारित हो जाता है, तो इसे दोबारा राष्ट्रपति के पास भेजा जाता है और राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के साथ ही नाम बदलने की अधिसूचना जारी कर दी जाती है।
राज्यों के नाम परिवर्तन के प्रमुख उदाहरण –
भारत में स्वतंत्रता के बाद से लेकर अब तक 11 राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों ने विभिन्न राजनीतिक, सांस्कृतिक, और सामाजिक कारणों से अपने नाम में परिवर्तन किया है। आइए, इनमें से कुछ प्रमुख उदाहरणों पर नजर डालते हैं:
1. त्रावणकोर-कोचीन से केरल : 1 नवंबर 1956 को त्रावणकोर-कोचीन का नाम बदलकर केरल रखा गया।
2. ईस्ट पंजाब से पंजाब : 1966 में ईस्ट पंजाब का नाम बदलकर पंजाब किया गया।
3. मद्रास स्टेट से तमिलनाडु : 14 जनवरी 1969 को मद्रास स्टेट का नाम बदलकर तमिलनाडु कर दिया गया।
4. मैसूर स्टेट से कर्नाटक : 1 नवंबर 1973 को मैसूर स्टेट का नाम बदलकर कर्नाटक रखा गया।
5. लक द्वीप, मिनी कॉय और अमन देवी से लक्षदीप : 1 नवंबर 1973 को लक द्वीप, मिनी कॉय और अमन देवी का नाम बदलकर लक्षदीप किया गया।
6. पांडुचेरी से पुडुचेरी : 1 अक्टूबर 2006 को पांडुचेरी का नाम बदलकर पुडुचेरी कर दिया गया।
7. उड़ीसा से ओडिशा : नवंबर 2011 में उड़ीसा का नाम बदलकर ओडिशा रखा गया।
केरलम: नाम बदलने के पीछे सांस्कृतिक और भाषाई महत्व –
केरलम नाम केरल के लिए केवल एक नाम नहीं है, बल्कि यह राज्य की सांस्कृतिक और भाषाई पहचान का प्रतीक है। मलयालम में ‘केरलम’ का उच्चारण राज्य की स्थानीय संस्कृति और भाषा के साथ गहरे संबंध को दर्शाता है। इस परिवर्तन से राज्य की पहचान और गर्व को बढ़ावा मिलेगा, जो स्थानीय जनता के लिए महत्वपूर्ण है। केरल विधानसभा का केरल का नाम बदलकर केरलम करने का प्रस्ताव एक महत्वपूर्ण कदम है जो राज्य की सांस्कृतिक और भाषाई पहचान को सम्मानित करता है। भारतीय संविधान के तहत नाम परिवर्तन की प्रक्रिया स्पष्ट और व्यवस्थित है, और इस प्रक्रिया के माध्यम से केरल अपने नए नाम ‘केरलम’ को अपनाने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। यदि यह प्रस्ताव संसद और राष्ट्रपति से स्वीकृति प्राप्त करता है, तो केरलम नाम राज्य की नई पहचान बन जाएगी, जो राज्य की धरोहर और संस्कृति को सम्मानित करेगी।
क्या केरल का नाम बदलकर केरलम किया जा सकता है ? अभी तक किन राज्यों का नाम परिवर्तन किया गया है ? जानिए पूरी प्रक्रिया
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