CSIR UGC NET जून 2024 परीक्षा स्थगित: क्या है इसके पीछे की वजह?
नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने 21 जून को एक महत्वपूर्ण घोषणा की जिसमें बताया गया कि CSIR UGC NET परीक्षा जून 2024 को स्थगित कर दिया गया है। यह परीक्षा 25 से 27 जून के बीच आयोजित होने वाली थी। एनटीए ने अपने नोटिस में बताया कि परीक्षा को “अवॉइडेबल सरकमस्टेंसस” और “लॉजिस्टिकल कारणों” की वजह से स्थगित किया गया है।
क्या है CSIR UGC NET परीक्षा?
CSIR UGC NET परीक्षा जूनियर रिसर्च फेलोशिप (JRF) और असिस्टेंट प्रोफेसर की पात्रता के लिए आयोजित की जाती है। यह परीक्षा यूनिवर्सिटीज और कॉलेजों के लिए यूजीसी द्वारा निर्धारित एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया के आधार पर होती है। यह परीक्षा साल में दो बार आयोजित की जाती है और कंप्यूटर बेस्ड टेस्ट (CBT) मोड में कराई जाती है।
स्थगन के पीछे की वजहें – CSIR UGC NET जून 2024 परीक्षा स्थगित: क्या है इसके पीछे की वजह?एनटीए ने कहा कि कुछ “अवॉइडेबल सरकमस्टेंसस” और “लॉजिस्टिकल कारणों” की वजह से परीक्षा को स्थगित किया गया है। यह कारण स्पष्ट नहीं किए गए हैं, लेकिन परीक्षा की नई तारीखों की घोषणा जल्द ही की जाएगी। कैंडिडेट्स को सलाह दी गई है कि वे लगातार एनटीए की वेबसाइट चेक करते रहें।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
इस परीक्षा स्थगन के बाद राजनीतिक प्रतिक्रियाएं भी सामने आई हैं। कांग्रेस पार्टी ने अपने आधिकारिक हैंडल से एक पोस्ट किया जिसमें एनटीए के इस फैसले की आलोचना की गई। कांग्रेस ने कहा कि पहले भी यूजीसी नेट परीक्षा रद्द की गई थी और नीट परीक्षा पेपर लीक और धांधली की शिकायतों से घिरी हुई है। कांग्रेस ने सरकार पर छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाया।
अन्य परीक्षाओं की स्थिति
एनटीए ने 19 जून को यूजीसी नेट परीक्षा रद्द करने की घोषणा की थी, जो 18 जून को आयोजित की गई थी। यह निर्णय परीक्षा में गड़बड़ी की सूचना मिलने के बाद लिया गया। शिक्षा मंत्रालय ने परीक्षा की पवित्रता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए यह कदम उठाया और बताया कि नई तारीखों की घोषणा जल्द ही की जाएगी।
इसके अलावा, सुप्रीम कोर्ट ने 21 जून को नीट यूजी 2024 काउंसलिंग पर रोक लगाने से इंकार कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर 5 मई को हुई परीक्षा रद्द कर दी जाती है, तो आगे की सारी प्रक्रिया रद्द हो जाएगी। अन्य याचिकाओं पर सुनवाई 8 जुलाई को होगी।
निष्कर्ष
CSIR UGC NET और अन्य परीक्षाओं का स्थगन और रद्द होना छात्रों के लिए एक बड़ा झटका है। लाखों छात्रों का भविष्य फिलहाल अधर में है, और वे अब नई तारीखों और आगे की प्रक्रिया की प्रतीक्षा कर रहे हैं। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि एजेंसियां और सरकारें इस स्थिति को कैसे संभालती हैं और छात्रों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए क्या कदम उठाती हैं।