नॉर्दर्न लाइट्स क्या हैं? – नॉर्दर्न लाइट्स का परिचय – अरोरा बोरेलिस और अरोरा ऑस्ट्रेलिस के बीच का अंतर
आज हम लोग जानेंगे कि आखिरकार ये नॉर्दर्न लाइट्स क्या होती है? आजकल आप लोगों ने काफी सारे न्यूज़ में अपने सोशल मीडिया पर देखा होगा कि ऐसी खूबसूरत सी
लाइट्स दरअसल आकाश में जो है वह बन रही है और बनती रहती हैं यह कुछ नया घटना नहीं है यह जनरली बनता रहता है और यह दिखाई दे रही है अभी हाल ही में दिखाई दी थी तो काफी लाइम लाइट रहा था काफी सारे लोगों के मन में विचार भी आता है कि आखिर ये लाइट्स हमारे यहां तो नहीं बनती है है ना तो ये नॉर्थ में क्यों बन रही है पोलर एरिया में ये जो है लाइट्स जनरली देखी जाती है तो इसकी वजह क्या है? तो आइए जानते हैं कि वो उन्हें हम कब-कब देख सकते हैं? और ये आखिरकार बनती कब है? तो सबसे पहले तो मैं आप लोगों को बता दे कि ये जो और नॉर्दर्न लॉइट्स जो होती हैं वो बेसिकली है?
लाइट्स दरअसल आकाश में जो है वह बन रही है और बनती रहती हैं यह कुछ नया घटना नहीं है यह जनरली बनता रहता है और यह दिखाई दे रही है अभी हाल ही में दिखाई दी थी तो काफी लाइम लाइट रहा था काफी सारे लोगों के मन में विचार भी आता है कि आखिर ये लाइट्स हमारे यहां तो नहीं बनती है है ना तो ये नॉर्थ में क्यों बन रही है पोलर एरिया में ये जो है लाइट्स जनरली देखी जाती है तो इसकी वजह क्या है? तो आइए जानते हैं कि वो उन्हें हम कब-कब देख सकते हैं? और ये आखिरकार बनती कब है? तो सबसे पहले तो मैं आप लोगों को बता दे कि ये जो और नॉर्दर्न लॉइट्स जो होती हैं वो बेसिकली है?
सूर्य की सौर घटनाएं और सोलर तूफान – पृथ्वी के कोर से निकलने वाला मैग्नेटिक फील्ड – सोलर तूफान और मैग्नेटिक फील्ड के संपर्क का प्रभाव
क्या आप इसे बहुत ही आसान लैंग्वेज में अगर समझना चाहते हैं तो आप ऐसे समझिए कि सूर्य के अंदर होने वाली सौर घटनाएं और सोलर तूफान और बेसिकली पृथ्वी के कोर से निकलने वाला मैग्नेटिक फील्ड अब बेसिकली क्या है कि पृथ्वी के कोर के अंदर जो है वो आयरन और निकल जैसी धातुएं हैं और इसी के कारण जो है एक प्रबल चुंबकीय क्षेत्र का निर्माण होता है तो सूर्य के अंदर उपस्थित सौर जो है वो बेसिकली तूफान और जब ये चुंबकीय क्षेत्र आपस में टकराते हैं तो इससे जो है ये नॉर्दर्न लाइट्स का जो है बनता है इन्हें हम अरोरा बैरोस के भी नाम से जानते हैं बेसिकली यहां की जो देवी थी इनका नाम अरोरा है और उनके नाम पर इस चीज का नाम भी जो है वो रखा गया है । ये लाइट्स में गुलाबी लाल और सबसे ज्यादा ग्रीन और बाकी सारे कलर भी जो है वो देखने को मिलते हैं ये कलर इसलिए देखने को मिलते हैं क्योंकि इनके अंदर तमाम सारी गैसेस होती हैं और किसी टाइम पर किस गैस की उपस्थिति के कारण जो है वो इनके एक अलग-अलग रंग जो है वो आसमान के अंदर ये दिखाई देते हैं।
कितनी ऊँचाई पर देखी जाती हैं नॉर्दर्न लाइट्स – उत्तरी और दक्षिणी प्रकाश के क्षेत्र
अगर हम इन अरोरा नॉर्दर्न लाइट्स की बात करते है तो ये 50 मील से लेकर हम ये कहेंगे कि लगभग जो है वो 150 मील तक की भी इनकी जो है वो डायमीटर इनकी जो डिस्टेंस जो है वो देखने को मिलती है ये अपने आप में बहुत बड़ी बात है ऑन एन एवरेज अगर आप बात करेंगे तो लगभग 80 किलोमीटर से लेकर 180 किमी तक की जो है वो इनकी लेंथ भी रहती है।
अगर हम बात करते है अरोरा ऑस्ट्रेलिस ये भी वहां के साइंटिस्ट और वहां के देवी के नाम पर रखा गया है और वहां पर जो है वो ऑन एन एवरेज 50 से लेकर हम कहेंगे कि 800 किमी तक की जो है ये हिस्सा जो है वो कवर होता है लाइट्स क्या है ये हम आपको बता ही चुके है कि ये वहां के सोलर तूफान और पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र जब संपर्क में आते हैं तो ये ऐसा देखने को मिलता है और कोरोनल मास इंजेक्शन की प्रेजेंस के कारण ऐसा सोलर तूफान जो है वो आते हैं।
विभिन्न रंगों का कारण – ऑक्सीजन और अन्य गैसों की उपस्थिति – अलग-अलग रंगों की व्याख्या
अब इसके अलावा हम बात करते है कि अलग-अलग रंग क्यों है कभी ये ग्रीन कलर के दिखाई देते हैं कभी ये जो है लाल रंग के दिखाई देते हैं तो बेसिकली ऑक्सीजन की मात्रा है ना और उसके अंदर और भी तमाम सारी जितनी भी और गैसेस हैं उनकी मात्रा की प्रेजेंस के कारण जो है उन गैसेस की मात्रा की प्रेजेंस के कारण यह नीले है या फिर हम कहेंगे कि गुलाबी लाल जो है वह दिखाई देते हैं इसके अलावा अगर हम बात करते हैं तो यह अरोरा बैलेस जो है वह नॉर्दन लाइंस से समान है तो यहां पर आपको बता दे कि बेसिकली उत्तरी साइड के जो यहां पर कहेंगे कि एक तो साइंटिस्ट और दूसरी चीज़ कि वहां की देवी रोमन देवी के नाम पर जो है इनका नाम ये रखा गया है। इसके अलावा ये कहां-कहां पर पाए जा सकते हैं सबसे अच्छी जगह यहां पर नॉर्दर्न लाइट्स जो है वो कहां-कहां पर देखने को मिलती हैं? तो आपको यह भी ध्यान रखना है कि ये बेसिकली कहां पर मिलेंगी ये आप लोगों के उत्तरी नॉर्वे के अंदर सबसे अच्छी यहां पर स्पेसिफिक जगह भी बनाई गई है कि आप यहां पर जाकर टूरिज्म के लिए भी इसका बढ़ावा दिया गया स्वीडन हो गया, फिनलैंड ,आइसलैंड हो गया ग्रीनलैंड हो गया कैनेडा हो गया ,अलास्का हो गया, साइबेरिया हो गया।
रनल जोन की जानकारी और महत्व
इन सब जगह पर जहां पर बहुत अच्छा मैग्नेटिक फील्ड आपको देखने को मिल रहा है अभी हमने बताया कि पृथ्वी के नीचे की तरफ से अगर हम बात करें तो लगभग 80 किमी और ऊपर से अगर हम बात करें तो लगभग 180-200 किमी तक का ये एरिया भी जो है वो कवर करती है एक शब्द और हम आपको बताएंगे जिसे हम लोग जो है वो रनल जोन के नाम से जानते हैं वो क्या है तो उत्तरी प्रकाश जो है पृथ्वी के उत्तरी धुव के चारों ओर एक ज्वालामुखी क्षेत्र में बनी हुई जो इमारतें हैं बेसिकली उनको हम लोग रनल जोन के नाम से जानते हैं जो इसी एरिया के अंदर जो है वो पाए जाते हैं तो यह सारी चीजें होती है । अगर आप बात करते हैं तो इसे आप समझिए कि जब मैग्नेटिक फील्ड क्योंकि पृथ्वी का कोर से निकलने वाला अच्छा एक शब्द मैंने यहां पर बोला कोर अब कोर ये पृथ्वी का भी हो सकता है, अभी तो हम मैग्नेटिक फील्ड के लिए बात कर रहे हैं लेकिन आप सूर्य के लिए भी देख सकते हैं कोर एरिया बिल्कुल मिडल वाला एरिया होता है।
कोरोना का महत्व और भ्रम का निवारण {नॉर्दर्न लाइट्स क्या हैं? – नॉर्दर्न लाइट्स का परिचय – अरोरा बोरेलिस और अरोरा ऑस्ट्रेलिस के बीच का अंतर}
अगर हम सूर्य के कोर की बात करते तो यह वही जगह है जहां पर सबसे ज्यादा रिएक्शंस होती है सूर्य के अंदर होती हैं सूर्य के कोर वाले भाग में अब जब बात सूर्य की की ही जा रही है तो हम आपको यह भी यहां पर समझा देते है कि सूर्य के कोर वाले भाग के अंदर ही जो है वो न्यूक्लियर फ्यूजन रिएक्शन होती हैं यानी कि नाभिकीय संलयन अभिक्रिया होती है। इस चीज का आप लोग ध्यान रखिएगा और एक शब्द आता है जिसे कोरोना कहते हैं अब आप इस कोरोना को समझ रहे होंगे कोविड वायरस वाला कोरोना तो ये वो नहीं है सूर्य का जो बाहर वाला भाग होता है इसको कोरोना कहा जाता है और सूर्य का जो मिड वाला पार्ट होता है इसे हम लोग कोर के नाम से जानते हैं ऐसे ही पृथ्वी के कोर के अंदर जैसे निकल और आयरन जैसी धातुएं हैं तो वहां से सबसे ज्यादा जो है चुंबकीय क्षेत्र की बनने की शुरुआत होती है तो इस तरह से कोर शब्द का और कोरोना शब्द का इन सब चीजों का महत्व भी आप जानिए।